गले के कैंसर के लक्षण क्या हैं – Throat Cancer Symptoms in Hindi
शुरूआती चरण में गले के कैंसर के लक्षण
Early Throat Cancer Symptoms in Hindi with Causes
थोड़ा गौर किया जाये तो गले के कैंसर के लक्षण बहुत आसानी से पहचाने जा सकते हैं| डॉक्टर कहते हैं कि सभी प्रकार के कैसरों में गले के कैंसर के लक्षण ही सबसे आसानी से पहचान में आ जाते हैं| अगर समय रहते सही उपचार किया जाये तो गले के कैंसर से बचाव संभव है|
गले का कैंसर दुनिया भर में तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है| आमतौर पर 40 से 50 की उम्र वाले लोग या उससे ज्यादा आयु के लोगों में ही यह बीमारी ज्यादा देखने में आती है लेकिन आजकल 20 से 25 साल के युवाओं में भी यह समस्या बढ़ रही है|
गले में कैंसर का मुख्य कारण –
सामान्यतः गले में कैंसर का सबसे मुख्य कारण तो धूम्रपान, शराब और तंबाकू का सेवन ही होता है लेकिन आज कल जो लोग धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आते हैं तो उसके धुएं से उनको भी गले के कैंसर की सम्भावना बन जाती है|
आज का प्रदूषण भरा माहौल भी गले के कैंसर के लिए बहुत जिम्मेदार है| गाड़ियों से निकलने वाला धुआँ और फैक्ट्रियों से निकलने वाली जहरीली गैसें तेजी से लोगों को गले के कैंसर का मरीज बना रही हैं|
गले के कैंसर के लक्षण –
हमारे गले में एक “स्वरनली” होती है| इसी नली की सहायता से हम सबकुछ भी बोल पाते हैं| अत्यधिक शराब के सेवन, तंबाकू चबाने और धूम्रपान करने से गले की स्वरनली पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है|
कैंसर की शुरुआत में रोगी में ऐसे लक्षण देखने को मिलने हैं –
आवाज में भारीपन – आप धूम्रपान करते हैं और अगर पिछले कुछ समय से आपकी आवाज में बदलाव आ गया है तो सावधान हो जायें| आवाज में बिना वजह भारीपन आना कैंसर का लक्षण है|
सांस लेने में तकलीफ – गले में कैंसर के मरीज को सांस लेने में बहुत असहजता महसूस होती है| अगर यह समस्या लगातार रहती हो तो डॉक्टरी जांच आवश्यक है|
खाना निगलने में परेशानी – रोगी को खाना चबाने और खाना निगलने में भी दिक्कत होती है| कई बार तो लोगों से तरल पदार्थ भी नहीं पिया जाता है| ऐसे में लोग खाना कम कर देते हैं जिससे स्वास्थ्य पर और ज्यादा विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है| यदि भोजन निगलने या कुछ पीने में परेशानी आये तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें|
गले में सूजन – गले में सूजन होना सामान्य बात नहीं है| अगर सूजन अपने आप ठीक हो जाती है तो चिंता का विषय नहीं है लेकिन अगर सूजन लम्बे समय के बावजूद सही नहीं हो रही तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्यूंकि यह कैंसर की पहचान है|
बोलने में दिक्कत – जब स्वरनली में दिक्कत होने लगती है तो रोगी को बोलने में भी परेशानी महसूस होने लगती है| अगर बोलते समय गले में दर्द या कोई दिक्कत महसूस हो तो सावधान हो जाइये और जांच कराइये|
गले का कैंसर सबसे ज्यादा गरीब और कम आय वाले लोगों में देखने को मिलता है| भारत में कैंसर के कुल मामलों में से 4.8% मामले गले के कैंसर के ही होते हैं| अगर शुरुआत में रोग पकड़ में आ जाये तो इलाज संभव है नहीं तो गले का कैंसर एक जानलेवा बिमारी है|
जब गले का कैंसर अंतिम चरण में होता है तो रोगी न तो कुछ खा पी पाता है और ना ही वह सही से बोल पाता है| गले के वोकल कोर्ड काफी हद तक खराब हो चुके होते हैं| ऐसे में डॉक्टर रोगी के गले में एक नली डालते हैं| इसी नली की सहायता से रोगी को खिलाया और पिलाया जाता है| और इसी नली से रोगी सांस ले पाता है|
गले का कैंसर तीन प्रकार का होता है – सुप्राग्लोटिस, ग्लोटिस और सबग्लोटिस
सुप्राग्लोटिस कैंसर हमारे देश में सबसे ज्यादा पाया जाता है, गले के कैंसर के रोगी ज्यादातर सुप्राग्लोटिस कैंसर से ही पीड़ित होते हैं| ग्लोटिस कैंसर कुछ कम पाया जाता है और सबग्लोटिस कैंसर बहुत ही कम यानि ना के बराबर पाया जाता है|
गले के कैंसर को शुरूआती दिनों में पहचानना बेहद जरुरी है क्यूंकि यह धीरे धीरे फैलता जाता है और गर्दन में लिम्फ नोड्स तक फ़ैल जाता है| इसके बाद रोगी के गले में बहुत अधिक सूजन रहने लगती है और बोलने में भी दिक्कत महसूस होती है|
तो मित्रों इस लेख में हमने आपको गले के कैंसर के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया है| इस लेख का उद्देश्य है लोगों को जागरूक बनाना ताकि सभी लोग अपनी देखभाल खुद कर सकें| इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और अगर आपके परिवार में कोई तंबाकू चबाता या धूम्रपान करता है तो उसे यह लेख जरूर पढ़ायें| धन्यवाद!!
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