हिन्दी कविता बच्चों के लिए और छात्रों के लिए
बच्चों के लिए हिंदी कविता
पापा जी का डंडा गोल,
मम्मी जी की रोटी गोल,
नानी जी की ऐनक गोल,
नाना जी का पैसा गोल,
बच्चे कहते लड्डू गोल,
मैडम कहतीं दुनिया गोल।
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बच्चों के लिए हिंदी बाल कविता
जाके कह दो उन रातों से,
हम सुबह देखकर जाएंगे,
जो कभी मिला है ना हमको, वो मंजर भी हम लाएंगे!!
माना गर्दिश में हैं तारे,
हालात भी हैं बिगड़े सारे,
जाके कह दो उस तूफां से, साहिल पर कश्ती लाएँगे,
जाके कह दो उन रातों से,
हम सुबह देखकर जाएंगे
जो बढ़ा कदम पाने को फलक,
तो परिंदों सा न घबराएंगे,
वो बाज हैं हम जो बारिश में भी,
अम्बर छूकर के आएंगे!!
तस्वीर है धुंधली किस्मत की,
माना ये वक्त भी रूठा है,
मेहनत की स्याही से हम,
किस्मत की लकीर बनायेंगे!!
जो काटी हैं रातें हमने,
अश्कों में सपने देखे हैं,
कह दो अपनी उन आँख से,
हकीकत भी तुझे दीखाएंगे,
जब तक ना बूंदें निकलेंगी,
हम पत्थर से टकराएंगे,
जाके कह दो उन रातों से,
हम सुबह देखकर जाएंगे,
जाके कह दो उन रातों से,
हम सुबह देखकर जाएंगे……
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very nice, aisi or poem b bheja karo
ati sundar kavita umdaah kavitaon ka sangrah bahut badhiyaa
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THANK YOU SIR !!!!!!!
रातो मे नींद आए कैसे बिना तुम्हारे
अशु. के घुट पीकर हमने है दिन गुजारे
जीना पड़े गा तुम बिन सोचा नहीं था हमने
हम फिर भी जी रहे हैं तेरी याद के सहारे