कविता माँ, Mother’s Day Poem in Hindi

May 7, 2022

Sweet and Short Mother’s Day Poem in Hindi

माँ Mother's day Hindi Poem

घुटनों से रेंगते रेंगते
कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाओं में
जाने कब बड़ा हुआ!

काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह
प्यार यह तेरा कैसा है?

सीधा साधा भोला भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा
माँ, मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ!

Hindi Mother’s Day Poem – Heart Touching Lines

पहली बार किसी गज़ल को पढ़कर आंसू आ गए

शख्सियत ए ‘लख्ते-जिगर’, कहला न सका,
जन्नत के धनी वो पैर, कभी सहला न सका

दूध पिलाया उसने छाती से निचोड़कर,
मैं ‘निकम्मा’ कभी 1 गिलास पानी पिला न सका

बुढापे का सहारा हूँ ‘अहसास’ दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को ‘मखमल पर सुला न सका

वो ‘भूखी’ सो गई ‘बहू’ के ‘डर’ से एकबार मांगकर,
मैं सुकुन के दो निवाले उसे खिला न सका

नजरें उन बूढी आंखों से कभी मिला न सका
वो दर्द सहती रही मैं खटिया पर तिलमिला न सका

जो हर रोज ममता के रंग पहनाती रही मुझे
उसे दीवाली पर दो जोड़ी कपड़े सिला न सका

बिमार बिस्तर से उसे शिफा दिला न सका
खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल ले जा न सका

माँ के “बेटा” कहकर दम तोड़ने के बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
दवाई, इतनी भी महंगी न थी कि मैं ला ना सका….

Love You Maa…

हैप्पी मदर्स डे,,,

मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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