महाकवि दिनकर की Motivational Poem in Hindi for Students
सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नही विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं मुँह से न कभी उफ़ कहते हैं,
संकट का चरण न गहते हैं,
जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,
शूलों का मूल नसाते हैं,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाते हैं।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?
खम ठोक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब ज़ोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
गुण बड़े एक से एक प्रखर,
है छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसे लाली हो,
वर्तिका-बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नही जलाता है,
रोशनी नहीं वह पाता है।
– रामधारी सिंघ “दिनकर”
वीर – मोटिवेशनल हिन्दी पोएम (कविता) बहुत प्रेरक और वीरता की भावना पर आधारित है| राष्ट्रकवि दिनकर जी ने इस कविता में बताया है कि इंसान के मजबूत हौंसले पर्वत से भी बड़े होते हैं
कवितायेँ जो दिल को छू लें :-
जयशंकर प्रसाद की कविताएं
कविता माँ, Mothers Day Poem
पुष्प की अभिलाषा
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
झाँसी की रानी की कविता
ये कविता आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बतायें…
its really superb..excellent..n thanks a lot..for motivating n inspiring us..at heartily fly thank u so much..n gud luck..for next..
I always like to read Ramdhari Singh Dinkar, and I hope you will keep reading on my blog
एकदम बढ़िया
बहुत शानदार कविताओं का संग्रह है, रगो में जनून और हिम्मत भर देता है महाकवि दिनकर का नमन है जिन्होंने इस तरह कविताएं लिखी ।