महाकवि दिनकर की Motivational Poem in Hindi for Students

August 23, 2020

Very Very Motivational Poem in Hindi for Success in Life

सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नही विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,

विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं मुँह से न कभी उफ़ कहते हैं,

संकट का चरण न गहते हैं,
जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,
शूलों का मूल नसाते हैं,

बढ़ खुद विपत्ति पर छाते हैं।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?

खम ठोक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,

मानव जब ज़ोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।

गुण बड़े एक से एक प्रखर,
है छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसे लाली हो,

वर्तिका-बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नही जलाता है,
रोशनी नहीं वह पाता है।

– रामधारी सिंघ “दिनकर”

वीर – मोटिवेशनल हिन्दी पोएम (कविता) बहुत प्रेरक और वीरता की भावना पर आधारित है| राष्ट्रकवि दिनकर जी ने इस कविता में बताया है कि इंसान के मजबूत हौंसले पर्वत से भी बड़े होते हैं

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