माँ पर 21 मदर्स डे शायरी | Best Mothers Day Shayari in Hindi
Best Motivational Mothers Day Shayari in Hindi
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है |
लबों पर उसके कभी बद्दुआ नहीं होती ,
एक माँ ही है जो कभी खफा नहीं होती |
मेरी दुनिया में जो इतनी शोहरत है,
मेरी मां की बदौलत है
हैप्पी मदर्स डे
सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये,
माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये |
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है,
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है |
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है ,
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है ।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई ,
मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई ।
हर रिश्ते में मिलावट देखी,
कच्चे रंगों की सजावट देखी,
लेकिन सालों साल देखा है माँ को,
ना उसके चेहरे पे कभी थकावट देखी,
ना ममता में कभी मिलावट देखी।
हैप्पी मदर्स डे
माँ वो है जो हमको अहसास दिलाती है की हम कितने अच्छे है ;
माँ वो है जिसकी ख़ुशी हमारी हँसी से है,
जिसका दुःख हमारे दुःख से ,
माँ वो है जिसके बिना हम जी नहीं सकते,
माँ सबकुछ है
जब जब कागज पर लिखा,
मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी,
हो गए चारों धाम
वो “माँ” हैं मेरी बदसलूकी पर भी दुआ देती है,
खुशी खुशी अपने हिस्से की भी खुशी मेरे नाम कर देती है |
मत कहिए माँ मेरे साथ रहती है ,
कहिए कि हम मां के साथ रहते हैं
हैप्पी मदर्स डे
सबने कहा, अच्छे से जाना
और मां ने कहा, बेटा जल्दी आना
उसका काला टीका किसी सुदर्शन से कम नहीं,
मॉ एक उंगली काजल से हर बला टाल देती हैं |
सबने बताया कि आज मां का दिन है,
कोई बताएगा कि वो कौन सा दिन है
जो मां के बिन है
मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है |
इस दुनिया में मुझे उससे बहुत प्यार मिला है,
माँ के रूप में मुझे भगवान् का अवतार मिला है |
माँ के बिना अधूरी होती है जीवन की डायरी,
मेरी तरफ से मदर्स डे की हैप्पी शायरी |
यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ,
जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ |
माँ पहले आँसू आते थे तो तुम याद आती थी,
आज तुम याद आती हो और आँसू निकल आते है |
मेरी माँ को गिनती नहीं आती है
मैं जब भी एक रोटी मांग लेता हूँ,
वो दो लेके आ जाती है |
पहले में सपना देखता था,
माँ पूरा कर देती थी,
अब बस यही ख्वाइश है कि
माँ सपना देखे और मैं पूरा कर सकूँ |
माँ, ये शब्द नहीं सागर है| मैं एक तुच्छ सा लेखक “माँ” पर क्या लिख सकता हूँ| इतना कह सकता हूँ कि भगवान् हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने माँ को बनाया|
माँ, वो स्त्री जो हमें इस संसार में लायी
जिसने हमें ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया
जिसने हमें अच्छे और बुरे की समझ दी
जिसने अच्छी बुरी हर परिस्थिति में हमारा साथ दिया
जिसकी आँखों में हमेशा अपने लिए प्रेम ही देखा ….
कितनी प्यारी, कितनी निर्मल, कितनी पावन है वो,
हमारी ख़ुशी में खुश होती है
और हमारे दुःख में दुखी
उस माँ का वर्णन करना, शब्दों में संभव नहीं है| बस इतना कह सकता हूँ कि माँ से ज्यादा सच्चा प्यार इस दुनिया में कोई दूसरा व्यक्ति हमसे नहीं कर सकता|