50 अच्छी Moral Stories in Hindi | हिंदी की नैतिक कहानियां

June 15, 2024

कहानियों के माध्यम से बच्चों को अच्छी सीख देने वाली ये 5 Short Moral Stories in Hindi for Kids बच्चों को नैतिकता और साहसिक होने का गुण सिखायेंगी|

प्रेरक कहानियाँ इंसान को निराशा से आशा की ओर ले जाने का मार्ग दिखाती हैं। प्रेरक कहानियाँ पढ़ने से इंसान के आचार और विचारों में सकारात्मक भावना आती है:-

हाथी और सियार | Baccho Ke Liye Moral Story in Hindi

Elephant jackal moral story in hindi

चंदनवन एक विशालकाय जंगल था| जंगल में सभी प्रकार के जानवर रहते थे| जंगल में मोती नाम का एक हाथी भी रहता था| मोती हाथी का शरीर काफी बड़ा था| एक बार चंदनवन में दूसरे वन से घूमते -घूमते एक सियार आया| सियार ने जब मोती हाथी को देखा, तब उसे देखकर सियार के मुँह में पानी आने लगा|

सियार, हाथी को खाने के बारे में सोचने लगा और मन ही मन सियार का शिकार करने की योजना बनाने लगा| सियार सोचने लगा कि यह हाथी बहुत बड़ा है, अगर मैं इसका शिकार कर लूँ, तब मुझे कई दिनों तक भोजन की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा| ऐसा सोचकर सियार हाथी के पास गया और उससे बोला, ” हाथी दादा हमारे जंगल में कोई राजा नहीं है, हमारे जंगल के सभी जानवर चाहते हैं, कि कोई बड़ा और समझदार जानवर हमारे जंगल का राजा बने”, आप बड़े और समझदार दोनों है, क्या आप हमारे जंगल का राजा बनना पसंद करोगे ?

सियार की बात सुनकर हाथी खुश हो गया| उसने राजा बनने के लिए हाँ बोल दिया| इसपर सियार ने हाथी को अपने साथ चलने के लिए बोला| हाथी राजा बनने की ख़ुशी में झूमते हुए सियार के साथ जाने के लिए तैयार हो गया| सियार हाथी को ऐसे तालाब में ले गया, जिस तालाब में दलदल था| हाथी राजा बनने की ख़ुशी में इतना मस्त था कि वह बिना सोचे तालाब में नहाने उतर गया|

जैसे ही हाथी दलदल वाले तालाब में उतरा, हाथी के पैर दलदल में धंसने लगे| उसने सियार से बोला, “तुम मुझे कैसे तालाब में ले आये, मेरी मदद करो मेरे पैर दलदल में धंस गए हैं”|

हाथी की बात सुनकर सियार जोर जोर से हंसने लगा और हाथी से बोला, “मैं तुम्हारा शिकार करना चाहता था, इसलिए मैंने तुमसे राजा बनने की बात का झूठ बोली| अब तुम दलदल में फंसकर मर जाओगे और मैं तुमको अपना भोजन बनाऊंगा”|

सियार की बात सुनकर हाथी की आँखों से आंसू आने लगे| उसने बाहर निकलने की बहुत कोशिश की, बहुत बार सियार से बाहर निकालने की विनती की, लेकिन सियार ने उसकी कोई मदद नहीं की और हाथी कुछ देर के प्रयत्न के बाद मर गया| हाथी के मरने के बाद सियार हाथी को खाने के लालच में उसकी पीठ पर चढ़ गया। हाथी को खाने के लालच में सियार यह भूल गया कि वह भी हाथी के साथ दलदल में नीचे जाता जा रहा है| और अंत में, सियार भी हाथी के साथ धीरे धीरे दलदल में धंसकर मर गया|

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि जो दूसरों के लिए बुरा करता है, उसके साथ भी बुरा होता है| इसलिए हमें जीवन में कभी भी किसी के साथ बुरा नहीं करना चाहिए, अगर हम किसी के लिए बुरा करते हैं, तब हमें भी अपने साथ ऐसा होने के लिए तैयार रहना चाहिए| क्यूंकि बुरे कर्म का फल हमेशा बुरा होता है, इसलिए किसी के साथ कभी बुरा ना करें| आपको हमारी ये कहानी कैसी लगी और आपने इससे क्या सीखा, हमें कमेंट करके जरूर बतायें|

दादी की पेन्सिल – Kids Moral Story in Hindi

Dadi Ki Pencil Moral Story in Hindi for Kids

रोहन अपने कमरे में उदास बैठा था| उसका इंग्लिश का एग्जाम बहुत खराब हुआ था| वह दुःखी था कि उसको बहुत कम मार्क्स मिलेंगे|

रोहन की दादी कमरे में आती हैं और रोहन को एक सुन्दर सी पेन्सिल गिफ्ट में देती हैं|

रोहन कहता है कि दादी मां मुझे ये पेन्सिल मत दो, मेरा एग्जाम तो खराब हुआ है इसलिए मुझे ये गिफ्ट नहीं चाहिए|

दादी मां कहती हैं – रोहन बेटा, ये पेन्सिल भी एकदम तुम्हारी तरह है| यह पेन्सिल तुमको बहुत कुछ सिखाएगी|

देखो जब यह पेन्सिल को छीला जाता है तो इसे भी ऐसे ही दर्द होता है जैसे अभी तुमको हो रहा है|

लेकिन पेन्सिल छिलने के बाद पहले से शॉर्प और अच्छी हो जाती है और उससे अच्छी लिखाई होती है| अब तुम भी आगे से बहुत मेहनत करोगे तो तुम भी पहले से ज्यादा होशियार और अच्छे बनोगे|

रोहन खुश होकर दादी की पेन्सिल रख लेता है|

शिक्षा – मित्रों, पेन्सिल जब तक छिलती नहीं है तब तक उससे अच्छी लिखाई नहीं की जा सकती, वैसे ही इंसान को भी अच्छा बनने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है|

आपकी आज की कठिनाइयां कल के लिए एक बहुत बड़ा सबक हैं|

नन्हीं चिड़िया – (Kids Stories) Moral Story in Hindi

बहुत समय पुरानी बात है, एक बहुत घना जंगल हुआ करता था| एक बार किन्हीं कारणों से पूरे जंगल में भीषण आग लग गयी| सभी जानवर देख के डर रहे थे की अब क्या होगा??

थोड़ी ही देर में जंगल में भगदड़ मच गयी सभी जानवर इधर से उधर भाग रहे थे पूरा जंगल अपनी अपनी जान बचाने में लगा हुआ था| उस जंगल में एक नन्हीं चिड़िया रहा करती थी उसने देखा क़ि सभी लोग भयभीत हैं जंगल में आग लगी है मुझे लोगों की मदद करनी चाहिए|

यही सोचकर वह जल्दी ही पास की नदी में गयी और चोच में पानी भरकर लाई और आग में डालने लगी| वह बार बार नदी में जाती और चोच में पानी डालती| पास से ही एक उल्लू गुजर रहा था उसने चिड़िया की इस हरकत को देखा और मन ही मन सोचने लगा बोला क़ि ये चिड़िया कितनी मूर्ख है इतनी भीषण आग को ये चोंच में पानी भरकर कैसे बुझा सकती है|

यही सोचकर वह चिड़िया के पास गया और बोला कि तुम मूर्ख हो इस तरह से आग नहीं बुझाई जा सकती है|

चिड़िया ने बहुत विनम्रता के साथ उत्तर दिया-“मुझे पता है कि मेरे इस प्रयास से कुछ नहीं होगा लेकिन मुझे अपनी तरफ से best करना है, आग कितनी भी भयंकर हो लेकिन मैं अपना प्रयास नहीं छोड़ूँगी”

उल्लू यह सुनकर बहुत प्रभावित हुआ|

तो मित्रों यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है| जब कोई परेशानी आती है तो इंसान घबराकर हार मान लेता है लेकिन हमें बिना डरे प्रयास करते रहना चाहिए यही इस कहानी की शिक्षा है|

गधा और धोबी – Hindi Moral Story with Images

दो मुंह वाली चिड़िया – Kids Moral Story in Hindi on Animal

नंदन वन में एक नन्हीं चिड़िया रहती थी जिसके दो मुँह थे। दो मुँह होने के कारण वह चिड़िया दूसरे पछियों से बिल्कुल विचित्र दिखती थी। वह चिड़िया एक बरगद के पेड़ पर घौंसला बना कर रहती थी।

एक दिन वह चिड़िया जंगल में भोजन की तलाश में इधर उधर उड़ रही थी। अचानक चिड़िया के दायें वाले मुँह की नजर एक लाल फल पर पड़ी। देखते ही उसके मुँह में पानी आ गया और वह तेजी से वो लाल फल खाने को आगे बढ़ी।

अब चिड़िया का दायाँ मुँह बड़े स्वाद से वो फल खा रहा था। बायाँ मुँह बेचारा बार बार दाएं मुंह की तरफ देख रहा था कि ये मुझे भी खाने को दे लेकिन दायाँ वाला चुपचाप मस्ती से फल खाये जा रहा था।

अब बाएँ मुँह ने दाएँ वाले से प्रार्थना की, कि थोड़ा सा फल खाने को मुझे भी दे दो तो इसपर दाएं मुंह ने गुस्सा दिखाते हुए कहा – कि हम दोनों का पेट एक ही है। अगर मैं खाऊँगा तो वो हमारे पेट में ही जायेगा। लेकिन उसने बाएं वाले को कुछ खाने को नहीं दिया।

अगले दिन चिड़िया फिर से जंगल में खाने की तलाश में उड़ रही थी। तभी बाएं मुँह की नजर एक अदभुत फल पर पड़ी जो बहुत चमकीला था। वह तेजी से उस फल की तरफ लपका। अब जैसे ही वो फल खाने को हुआ तुरंत पास बैठे एक कौए ने चेतावनी दी कि इस फल को मत खाओ ये बहुत जहरीला है।

ये सुनकर दायाँ मुंह भी चौंका और बाएं से प्रार्थना की कि इस फल को मत खाओ ये हमारे लिए बहुत खतरनाक साबित होगा लेकिन बाएं मुंह को तो दाएं से बदला लेना था।

उसने एक ना सुनी और चुपचाप वह फल खाने लगा। कुछ ही देर में चिड़िया का शरीर मृत होकर जमीन पर गिर पड़ा।

दोस्तों कहानी सुनने में तो आनंद आया होगा लेकिन जब मैं आपको इसकी शिक्षा बताऊंगा तो आपकी आँखे फटी रह जाएँगी। आजकल के माहौल में देखा जाता है कि एक ही परिवार के लोग एक दूसरे से ईर्ष्या करते हैं, एक दूसरे से दुश्मनी रखते हैं। लेकिन जब भी वह एक दूसरे को नुकसान पहुँचाने का सोचते हैं या एक दूसरे से बदला लेने का सोचते हैं तो नुकसान पूरे परिवार का ही होता है। इसलिए एक दूसरे से मिल जुल कर रहें क्योंकि अगर परिवार का एक भी सदस्य गलत काम करे तो नुकसान पूरे परिवार का होता है। यही इस कहानी की शिक्षा है। धन्यवाद!!!!!

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