Shivaji Maharaj Biography in Hindi | शिवाजी महाराज की जीवनी
Chhatrapati Shivaji Maharaj Biography in Hindi
शिवाजी महाराज की जीवनी: शिवाजी भारतीय इतिहास के सबसे पराक्रमी योद्धा माने जाते हैं| निडरता और साहस की प्रतिमूर्ति वीर छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1627 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। शिवाजी के जन्म के समय सम्पूर्ण भारत में मुगलों का राज था। शिवाजी ही वो शख्स थे जिन्होंने औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को नाकों चने चबवा दिए थे और मराठा साम्राज्य स्थापित किया था।
First Guru of Shivaji : Mata Jijabai
शिवाजी की पिता शाहजी भोंसले और माता जीजाबाई थीं। जीजाबाई बड़ी ही सुशील और विद्वान् महिला थीं और शिवाजी की प्रथम गुरु भी थीं। जीजाबाई बचपन से ही शिवाजी को वीरता की कहानियां सुनाया करती थीं। बचपन से ही शिवाजी रामायण, महाभारत और अन्य वीरता की किस्से सुनते आये थे। इस सब बातों का उनके जीवन पर बड़ा ही गहरा प्रभाव पड़ा।
शिवाजी जब छोटे थे तभी माता जीजाबाई उनको खेल खेल में युद्ध लड़ना, तलवार चलाना सिखाया करतीं थीं यही कारण था कि बहुत कम उम्र में ही शिवाजी एक कुशल लड़ाके बन चुके थे।
मात्र 16 साल की आयु में शिवाजी ने पुणे के तोरण दुर्ग पर आक्रमण करके विजय प्राप्त की तभी से उनकी बहादुरी के जयकारे पूरे दक्षिण भारत में गूंजने लगे। शिवाजी की बढ़ती प्रतिष्ठा को देखकर मुग़ल शासक घबरा गए और बीजापुर के शासक आदिलशाह ने शिवाजी को बंदी बनाना चाहा लेकिन वो असफल रहा तब उसने शिवाजी के पिताजी को बधंक बना लिया।
शिवाजी ने अपनी कुशल नीतियों के दम पर आदिलशाह के महल में घुसकर अपने पिता को बाहर निकाला। इसके बाद आदिल शाह ने अपने सेनापति अफजल खान को शिवाजी का कटा सर लाने को कहा। तब अफजल खान ने धोके से सुलह करने की बात बोलकर शिवाजी को बुलाया और उन्हें गले लगाकर मारने का प्रयास किया। लेकिन शिवाजी ने साहस का परिचय देते हुए उसे ही मार गिराया, अफजल खान शिवाजी से डेढ़ फुट लंबा था। फिर एक एक करके मुगलों के सभी किलों पर आक्रमण करके मुगलों के साम्राज्य का अंत करना शुरू कर दिया। शिवनेरी किले के अंदर एक शिवाई माता का मंदिर था इसलिए उनका नाम “शिवाजी” पड़ा।
शिवाजी ने जब मुगलों के खिलाफ लड़ाई का आह्वान किया तो उस समय मुगलों का शासक औरंगजेब था। औरंगजेब ने शाइस्ता खान को शिवाजी के विरुद्ध खड़ा किया लेकिन वीर शिवाजी ने शाइस्ता खान को हराकर पूना पर अधिकार कर लिया और यहीं पर अपनी सेना का विकास किया।
शिवाजी को अपने पिता से केवल 2000 सैनिक मिले थे लेकिन शिवाजी ने एक बड़ी सेना का निर्माण किया जिसमें लाखों लोग थे। वो अपनी सेना का एक पिता की तरह ध्यान रखते थे। कुछ लोग मानते हैं कि शिवाजी मुश्किल विरोधी थे लेकिन ऐसा नहीं है शिवाजी की सेना में कई मुस्लिम भी थे और शिवाजी उनका पूरा सम्मान करते थे।
शिवाजी ने मुगलों से अपने किलों के लिए शास्त्रों से सुसज्जित नेवी बनायीं इसलिए शिवाजी को इंडियन नेवी का पिता भी कहा जाता है।
औरंगजेब ने एक बार शिवाजी को बंदी भी बनाया लेकिन शिवाजी उसकी कैद से भाग निकले और पूरी ताकत से औरंगजेब के खिलाफ जंग छेड़ दी। 1674 को शिवाजी महाराष्ट्र के शासक बने और हिन्दू परम्परा से उनका राज्यभिषेक किया गया। राज्यभिषेक के समय छत्रपति की उपाधि धारण की थी
सन 1680 में बिमारी की वजह से शिवाजी का देहांत हो गया लेकिन उनकी यादें आज भी हिंदुस्तान की मिटटी में जिन्दा हैं। ऐसे महापुरुष मरते नहीं बल्कि अमर शहीद हो जाते हैं। शिवाजी हमारे आदर्श और एक महान युगपुरुष हैं जिनको सदैव याद किया जाता रहेगा।