नागा साधु का रहस्य Naga Sadhu History in Hindi
Naga Sadhu in Hindi : नागा साधु कैसे बनते हैं
नागा साधुओं का इतिहास बहुत पुराना है| आदिगुरु शकंराचार्य ने 8 वीं शताब्दी में इस परंपरा की स्थापना की थी| नागा साधु हमेशा से लोगों के लिए उत्सुकता का विषय रहे हैं क्यूंकि इनके बारे में सम्पूर्ण जानकारी किसी को भी नहीं पता होती|
आज हम आपको नागा साधुओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ दे रहे हैं| इन सभी बातों को जानकर आप हैरान रह जायेंगे और आपको नागा साधुओं के बारे में काफी रोचक बातें पढ़ने को भी मिलेंगी –
1. नागा साधु बनने की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है। जो नागा साधु बनना चाहता है उसे पहले 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है| इसके बाद ही गुरु उसको नागा बनने की दीक्षा देते हैं।
2. जो महिलायें नागा साधु बनना चाहती हैं, पहले उनका पुराना इतिहास देखा जाता है और उनके मित्र, परिवार वालों के बारे में जानकारी जुटाई जाती है फिर ही महिला को नागा साधु बनाया जाता है|
3. महिला को नगा साधु बनने से पहले अपना मुंडन कराना होता है और फिर धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार नदी में नहलाया जाता है
4. नागा साधु बनने से पहले व्यक्ति को ये साबित करना पड़ता है कि अब वह पूरी तरह मोह माया का जाल छोड़ चुका है और अब वो भगवान का सच्चा भक्त है
5. पुरुष नागा और महिला नागा साधु में एक ही फर्क होता है कि महिला नागा अपने शरीर को गेरुए वस्त्र से ढकती हैं
6. नागा साधुओं के दिन की शुरुआत पूजा से होती है और दिन का अंत भी पूजा से होता है
7. जब एक महिला नागा साधु बन जाती है तब अन्य सभी साधु उन्हें माता कहकर पुकारते हैं
8. नागा बनने से पहले साधक को खुद का पिंडदान और श्राद्ध करना होता है। इसका अर्थ है कि अब साधक को इस संसार से मुक्ति मिल चुकी है और वह समाज के लिए मृत हो चुका है| अब उसका पूरा जीवन ईश्वर की भक्ति में बीतेगा
9. नागा साधु बनने के बाद वस्त्रों का त्याग कर दिया जाता है और शरीर पर भस्म लगाने की परम्परा है
10. अगर वस्त्र पहनना है तो केवल गेरुआ रंग का वस्त्र मान्य है| इसके अलावा शरीर पर केवल एक ही वस्त्र धारण करने की अनुमति होती है।
11. नागा साधुओं को दिन में केवल एक ही टाइम खाना खाने की अनुमति होती है|
12. नागा साधु भिक्षा मांग कर खाना खाते हैं और एक दिन में केवल 7 घरों से ही भिक्षा मांग सकते हैं अगर भिक्षा नहीं मिली तो भूखा रहना पड़ता है
13. नागा साधु अपने साथ हमेशा चिमटा जरूर साथ रखते हैं और चिमटे से ही आशीर्वाद देते हैं
14. नागा साधु कभी किसी को प्रणाम नहीं करते| उन्हें केवल सन्यासियों को ही प्रणाम करने की अनुमति होती है
15. नागा साधु त्रिशूल या अन्य शस्त्र भी अपने साथ रखते हैं|
16. नागा साधु युद्ध और योग कला में भी दक्ष होते हैं| वस्त्र ना पहनने के कारण उन्हें दिगम्बर भी कहा जाता है|
17. आदिगुरु शंकराचार्य ने इस परम्परा की नींव रखी थी|
18. नागा साधु गजब के लड़ाके होते हैं| हमारे इतिहास में कई जगह वर्णन है कि जब कोई विदेशी आक्रमणकारी आक्रमण करता था तो राजा नागा साधुओं का सहयोग लेते थे| नागा युद्ध कला में पूरी तरह माहिर होते हैं।
Achhi news hain