रजत शर्मा की जीवनी और सफलता की कहानी
रजत शर्मा का जीवन परिचय
कोशिश करते रहिये दोस्तों क्यूंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। जब कुदरत मेहरबान होती है कि एक बूंद को समुन्दर बनते देर नहीं लगती। कहते हैं कि जब आप कोई काम पूरी लगन और मेहनत से करते हैं तो पूरी कयानात भी आपको मंजिल तक पहुँचाने में जुट जाती है और परेशानियों से घबराइये मत क्यूंकि इतिहास गवाह कि जो लोग अभावों और संघर्षों में जिए हैं वही लोग कुछ बड़ा काम करते हैं। इसी का उदाहरण हैं – India TV के चैयरमेन और चीफ एडिटर “रजत शर्मा” जिन्होंने ना जाने कितनी परेशानियों को हराकर सफलता हासिल की।
आइये जानते हैं उनके संघर्ष की कहानी उन्हीं की जुबानी-
मुझे याद है बचपन में एक छोटा सा 10 x 10 का कमरा था जिसमें एक बीमार पिता, बीमार माँ, एक बहन और 7 भाई करते थे। कमरा इतना छोटा था कि रात को सारे लोग उसमें सो भी नहीं पाते थे इसलिए कमरे में एक के ऊपर एक लकड़ी के तख्ते लगाये हुए थे जिनपर वो सारे लोग सोते थे। नहाने के लिए गली में एक नल था वहीँ सड़क पर नहाते थे और 2 बाल्टी पानी घर लाते – बहन और माँ के लिए।
घर में बिजली नहीं थी तो पढाई करने रात को रेलवे स्टेशन जाते थे। एक छोटे से सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। 2 वक्त का खाना भी नसीब नहीं था, उन दिनों अमेरिका से दूध के पैकेट आते थे तो वही पैकिट लम्बी लाइन में लगकर लाते और कई कई दिन उसी दूध से काम चलाना पढता था, खाना जब मिल गया तो खा लिया और नहीं मिला तो भूखे पेट ही सोना पड़ता था।
माँ के इलाज के लिए पैसे नहीं थे, ये बात हमेशा दुःख देती थी। सपने भी बहुत छोटे छोटे थे कि कही एक छोटी सी नौकरी मिल जाये जिससे परिवार 2 वक्त का खाना खा सके।
एक घटना जिसने बदल दिया जीवन- उन दिनों टीवी बहुत कम लोगों के पास हुआ करते थे, तो हम लोग टीवी देखने पडोसी के यहाँ जाते थे। एक बार शहीद भगत सिंह की फिल्म देखने जैसे ही पड़ोसी के घर गए उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।
दुःखी मन से वापस जब घर आये तो बाबूजी ने पूछा कि क्या हुआ? तो उन्हें पूरी बात बताई तो बाबू जी ने एक बहुत बड़ी बात कही- तुम किसी दूसरे के घर किसी तीसरे की फिल्म देखने जाते हो, कुछ ऐसा करो कि तुम टीवी पर आओ और लोग तुम्हें देखें। इस बात से मैं इतना प्रभावित हुआ कि उसी दिन मन में खुद से वादा किया कि एक दिन जरूर कुछ ऐसा करना है कि दुनियाँ मुझे टीवी पे देखे।
इसी सपने को संजोये रजत शर्मा आगे बढ़ते गए और कठिन परेशानियों का सामना करते हुए M.com की पढ़ाई की इसके बाद कई जगह छोटी छोटी नौकरी भी की। March 13, 1992 को इन्होंने Zee TV के सुभाष चन्द्र के साथ मिलकर “आप की अदालत” नाम का एक शो चलाया और ये शो इतना हिट हुआ कि ना सिर्फ इसकी वजह से रजत शर्मा को बहुत प्रसिद्धि मिली बल्कि इस शो को बहुत प्रशंशा भी मिली।
2004 में इन्होंने अपना खुद का एक News channel खोला -India TV। धीरे धीरे ये चैनल इतना popular हुआ कि भारत का सबसे ज्यादा देखे जाने वाले न्यूज चैनल में से एक बन गया।
रजत शर्मा का कहना है कि बड़े सपने देखने चाहिए। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, अपने काम के प्रति ईमानदार रहिये और जो भी काम करो सच्ची लगन से करो। भाग्य भरोसे मत बैठो आपको अपनी किस्मत खुद लिखनी है।
आपने इस कहानी से क्या सीखा हमें कॉमेंट में लिखें और अपने कीमती सुझाव भी दें ताकि हम इस साइट को और बेहतर बना सकें
men should work hard to get his aim by reading this motivational story
It’s very simple…… ” Karne Se hi hoga “………..” Sirf Sochne Se nahi “…
Niras na ho erade mat badal wakt kisi wakt bhi badal sakta h .
Very Good Story AND HAPPY RAKSHABANDHAN
Life mai kabhi shortcut nahi hota hai and never give up
hum jo b kaam krte h use puri lagan se or dil se kre
Mujhe issse bht kuch sikhne ko mila
Coming soon…..
Samay barbad nahi karna chahie
Jo insaan jindagi ka yak yak second kimati manta h Vahi asali jindagi ko samajhta h kyuki yesi jindagi dobara nai milti
Sar Ji aap ki kahaniyan A1 hai
Aapki Rajat Sharma wali story mujhe Sabse jyada motivate Kiya hai. AAP mahapurushon ki safalta ki kahaniyan likhiye. Ye hame jyada motivate Karti hain. Thanks
Hindi soch me jo bhi story hai hm sabhi ko kabhi inspire krti hai.dil se many many thanks hindi soch ko
Bahut achchha
बहुत ही मर्मस्पर्शी सघंर्ष गाथा है रजत शर्मा जी की , आज हमें उनकी इस सफलता के पीछे की कठिनाई,परेशानी,अभाव से अवगत कराया।
निश्चित ही इनकी कहानी लाखें,करोडों लोगों को प्रेरित करेगी जो थोडी से विफलता,परेशानी आने पर प्रयास करना छोड देते है। धन्यवाद
Positivebate.com