बेटे की मेहनत का फल | Mehnat Ka Phal Story in Hindi

December 5, 2017

पुत्र की मेहनत का फल

एक बार की बात है कि एक आदमी जो पेशे से दुकानदार था, बड़ा ही दुखी रहा करता था, क्यूंकी उसका बेटा बहुत आलसी और गेरजिम्मेदार था| वह हमेशा दोस्तों के साथ मस्ती करता रहता था | जबकि वह व्यक्ति अपने पुत्र को एक मेहनती इंसान बनाना चाहता था |

Mehnat Ka Fal

वह काफ़ी बार अपने पुत्र को डाँटता था लेकिन पुत्र उसकी बात पे ध्यान नहीं देता था | एक दिन उसने अपने पुत्र से कहा कि आज तुम घर से बाहर जाओ और शाम तक कुछ अपनी मेहनत से कमा के लाओ नहीं तो आज शाम को खाना नहीं मिलेगा |

लड़का पहुत परेशान हो गया वह रोते हुए अपनी माँ के पास गया और उन्हें रोते हुए सारी बात बताई माँ का दिल पासीज गया और उसने उसे एक सोने का सिक्का दिया कि जाओ और शाम को पिताजी को दिखा देना |

लड़के ने वैसे ही किया शाम को जब पिता ने पूछा कि क्या कमा कर लाए हो तो उसने वो सोने का सिक्का दिखा दिया| पिता यह देखकर सारी बात समझ गया | उसने पुत्र से वो सिक्का कुएँ मे डालने को कहा, लड़के ने खुशी खुशी सिक्का कुएँ में फेंक दिया |

अगले दिन पिता ने माँ को अपने मायके भेज दिया और लड़के को फिर से कमा के लाने को कहा | अबकी बार लड़का रोते हुए बड़ी बहन के पास गया तो बहन ने दस रुपये दे दिए | लड़के ने फिर शाम को पैसे लाकर पिता को दिखा दिए| पिता ने कहा कि जाकर कुएँ में डाल दो, लड़के ने फिर डाल दिए|

अब पिता ने बहन को भी उसके ससुराल भेज दिया| अब फिर लड़के से कमा के लाने को कहा| अब तो लड़के के पास कोई चारा नहीं था वह रोता हुआ बाजार गया और वहाँ उसे एक सेठ ने कुछ लकड़ियाँ अपने घर ढोने के लिए कहा और कहा कि बदले में दो रुपये देगा |

लड़के ने लकड़ियाँ उठाईं और सेठ के साथ चल पड़ा रास्ते में चलते चलते उसके पैरों में छाले पड़ गये और हाथ पैर भी दर्द करने लगे |

शाम को जब पिताजी को दो रुपये दिखाए तो पिता ने फिर कहा की बेटा कुएँ मे डाल दो तो लड़का गुस्सा होते हुए बोला कि मैने इतनी मेहनत से पैसे कमाए हैं और आप कुएँ में डालने को बोल रहे हैं |

पिता ने मुस्कुराते हुए कहा कि यही तो मैं तुम्हें सीखाना चाहता था| तुमने सोने का सिक्का तो कुएँ में फेंक दिया लेकिन दो रुपये फेंकने में डर रहे हो क्यूंकी ये तुमने मेहनत से कमाए हैं |

अबकी बार पिता ने दुकान की चाबी निकालकर बेटे के हाथ में दे दी और बोले कि आज वास्तव में तुम इसके लायक हुए हो| क्यूंकी आज तुम्हें मेहनत का अहसास हो गया है|

मित्रों, हर माँ बाप अपने बच्चों से बेहद प्यार करते हैं लेकिन अपने बच्चों को सामाजिक ज्ञान देना भी बहुत जरुरी है| आपके बच्चे को आपकी मेहनत का मोल पता होना चाहिए, हो सकता है आप अपने बच्चे को संघर्ष करता देखकर दुखी हो जाएँ लेकिन ये संघर्ष उसके लिए बहुत जरुरी है|

बच्चों को लाड प्यार के साथ जिम्मेदारियां निभाना भी सिखायें| बच्चों को इस बात का अहसास होना चाहिए कि मेरे माता पिता एक एक पैसे के लिए कितनी मेहनत करते हैं तभी तो वह आपकी और आपके पैसों की कीमत को समझ पायेगा|

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