कभी मेहनत और प्रयास करना नहीं छोड़ें : Never Give Up Hindi Story

February 1, 2018

Story on Never Give Up in Hindi

कहते हैं महापुरुषों का जन्म रोज रोज नहीं होता वो तो सदियों में एक बार पैदा होते हैं| “कैलाश कटकर” भी ऐसे ही एक शख़्श का नाम है जो किसी जमाने में एक कॉलेज dropout थे लेकिन आज वो एक मिलिनएयर antivirus कंपनी Quick Heal Technologies के CEO हैं|

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ना तो वो पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और ना ही कोई बहुत अच्छा स्किल उनके अंदर था, 1980 मे सीनियर सेकेंड्री स्कूल पास करने के बाद उन्हें परिवार की दयनीय स्थिति होने के कारण स्कूल छोड़ना पड़ा|

कैलाश जी के पिताजी एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के कर्मचारी थे| घर की आर्थिक मदद करने के लिए कैलाश जी स्कूल टाइम से ही नौकरी करने लगे थे, वह एक रेडियो और कॅल्क्युलेटर रिपेयर करने वाले की दुकान पे कम करते थे और वहीं रह कर उन्होनें रेडियो और कॅल्क्युलेटर के रेपेरिंग का काम सीख लिया|

कुछ पैसा बचा कर कैलाश ने अपना बिज़नेस शुरू करने की सोची और फिर पुणे में एक किराए की दुकान में उन्होंने रेडियो और कॅल्क्युलेटर को रिपेयर करने का बिज़नेस किया| अपनी लगन और मेहनत के बल पर उन्होनें पहली साल में ही 45000 की इन्कम हुई|

उन दिनों सॉफ्टवेर का बिज़नेस अपने चरम पर था तो कैलाश जी ने कंप्यूटर हार्डवेर का बिज़नेस शुरू करने का सोचा पर उन्हें कंप्यूटर के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी इसीलिए उन्होनें कंप्यूटर का बेसिक कोर्स भी किया| और फिर कंप्यूटर रेपेरिंग का बिज़नेस भी स्टार्ट कर दिया| 1993-94 में इनका 1 लाख का बिज़नेस हुआ इन्हीं दिनों इनके छोटे भाई ने सॉफ्टवेर की पढ़ाई भी ख़त्म की और फिर वह भी भाई के बिज़नेस में लग गये|

कुछ दिनों बाद एक टीम भी hire की और Quick Heal नाम का antivirus तैयार किया| लेकिन बिज़नेस ज़यादा नहीं चला तो कुछ दिन शुरुआत में antivirus फ्री में भी देना पड़ा| लेकिन जब एक बार मार्केट में इनकी application हिट हो गयी फिर Quick Heal Technologies के नाम से एक अलग ही कंपनी बना दी गयी|

कुछ दिन बाद कंपनी का टर्न ओवर इतना हो गया कि इन्होने पुणे में अपनी खुद की जगह खरीद ली और Quick Heal Technologies को नया मोड़ दिया| आज ये कंपनी मिलियनेर है और कैलाश जी उसके CEO हैं उनकी लगन और मेहनत ने दिखाया कि प्रतिभा किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती|

तो मित्रों, इंसान को कभी मेहनत और प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए| लगातार रस्सी के रगड़े जाने से तो पत्थर पे भी निशान पड़ जाते हैं| बिना निराश हुए बस संघर्ष करते जाइए सफलता आपको मिल ही जाएगी|

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