आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, Need is the Mother of Invention
कहा जाता है की आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, और कनाडा के एक फिल्ममेकर रॉब स्पेंस ने इस तथ्य को सिद्ध कर दिया|
रॉब बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे उन्हे शूटिंग करने का बहुत शौक था|
किशोरावस्था में एक बार शूटिंग के दौरान एक कठिन स्टंट में उनकी आँख में चोट लग गयी| और नतीज़ा ये हुआ की इन्हें अपनी दाँयी आँख से हाथ धोना पड़ा|
रॉब की एक आँख खराब होने के कारण खुद को हीन महसूस करते थे| बस उनकी यही हीनभावना और मेहनत ने उन्हें बहुत बड़ा वैज्ञानिक बना दिया|
रॉब ने एक क्रत्रिम आँख में वायरलेस केमरा फिट किया और वीडियोलिंक तकनीक से वे सब कुछ देख सकते थे|
उनका यह आविष्कार दुनियाँ भर में प्रसिद्ध हुआ|
मज़े की बात यह है की यह केमरा ना तो रॉब की नकली आँख से जुड़ा है और ना ही मस्तिष्क से, रॉब जो कुछ भी देखते हैं वो केमरा सब कुछ रेकॉर्ड कर लेता है और उसमे एक छोटा ट्रांसमीटर लगा है जिसकी मदद से रोब कंप्यूटर पर अपनी आँख से रिकॉर्ड की गयी हर चीज़ देख सकते हैं|
और आज रॉब नकली आँख से भी बहुत अच्छी तरह ये खूबसूरत दुनियाँ देख रहे हैं| यह एक बड़ा तकनीकी आविष्कार था जिसने रॉब का नाम साइन्स की दुनियाँ में अमर कर दिया |
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