बच्चों की कहानी | हिरन की आस्था Bachon Ki Kahaniyan
एक जंगल में मादा हिरन रहती थी। हिरन इन दिनों गर्भवती थी, और जंगल में एक से बढ़कर एक खतरनाक जानवर थे। हिरन आज कल बड़ी परेशान रहती थी कि कैसे अपने बच्चे को सुरक्षित जगह जन्म दे जहाँ कोई जंगली जानवर उसे नुकसान ना पहुँचा सके।
इसी चक्कर में बेचारी हिरन भूखी प्यासी कोई अच्छी जगह तलाश रही थी। उसको झाड़ियों के पीछे एक जगह दिखाई दी जहाँ किसी जंगली जानवर का आना बहुत मुश्किल था।
कुछ दिन बाद जब हिरन के प्रसव का समय हुआ तो उस समय तेज बरसात हो रही थी। आसमान में बिजलियाँ कड़क रही थीं। अचानक बिजली किसी पेड़ पर गिरी और जंगल में आग लग गयी।
आग बुरी तरह पूरे जंगल में फैलती जा रही थी। हिरन के पेट में बहुत तेज दर्द था जिसकी वजह से वो इधर उधर भाग भी नहीं सकती थी। अचानक हिरन ने देखा की झाड़ियों के किनारे से एक शिकारी उसे निशाना बनाने की सोच रहा है। शिकारी ने अपने घनुष पर बाण चढ़ाया हुआ था और वह हिरन पर तीर चलाने के लिए निशाना साध रहा था।
अब हिरन ने जैसे ही थोड़ा आगे बढ़ने की कोशिश की तो देखा कि दूसरी ओर एक जंगली शेर खड़ा हुआ था। उस शेर की नजर हिरन पर थी और वह हमला करने की फ़िराक में था
अब हिरन बुरी तरह घबरा गयी कि अब क्या होगा? पल भर उसने सोचा और जब उसे कोई रास्ता ना सुझाई दिया तो उसने ईश्वर से प्रार्थना की कि हे ईश्वर इस समस्या से निपटना मेरे बस में नहीं है और आगे अब आपकी मर्जी।
यह कहकर उस हिरन ने अपना पूरा ध्यान प्रसव पर लगाया। शेर पल पल आगे बढ़ रहा था लेकिन हिरन निडर होकर अपने बच्चे को जन्म दे रही थी। अचानक कुदरत का एक करिश्मा हुआ। एक तेज बिजली कड़क कर काले कपड़े पहने शिकारी पर गिरी और उसके हाथ से बाण गलत दिशा में चल गया और वो बाण शेर को जा लगा। बेचारा शिकारी बिजली से बुरी तरह झुलस गया। इसके बाद जंगल में इतनी तेज बारिश हुई कि आग खुद ही ठंडी पड़ गयी। ईश्वर का वो करिश्मा देखकर हिरन खुद हैरान थी।
दोस्तों कई बार हमारे जीवन में ऐसी कठिनाइयां आती हैं जिनको हल करना हमारे बस में नहीं होता। हम चाहकर भी कई समस्याओं को हल नहीं कर पाते क्योंकि कुछ समस्या का हल हमारे हाथों में नहीं होता।
ऐसे समय में हम अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं। और बुरी तरह घबरा जाते हैं जबकि हम जानते हैं कि उस समस्या का हल हमारे पास नहीं है। दोस्तों ऐसी स्थिति में बिना घबराये सब कुछ ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए। वो सबका मालिक है वो खुद देख लेगा और ऊपर वाला कभी किसी का बुरा नहीं करता।
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bahut khub sir ji… aapki har story bahut achhi hoti or sikh kai guna de jati hai…
bhagvan par chhodh dena chahiye . bharosha rakhe .
hello dosto , me apne site ko sell kar rha hun
to jisko bhi blogging karni hai wo mujhe mail kae sakta hai
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behtareen kahani
Hey..
I loved your story.
thanks for sharing
maza aa gaya ye kahani padh ke ye Moral story mujhe bahut pasand hai