सफल बनाने वाली Motivational Story in Hindi 2023 की बेस्ट

March 12, 2023

ये कहानियां उन लोगों की जिंदगी से जुड़ी हैं जो कभी आप ही की तरह थे लेकिन उन्होंने परेशानियों के आगे घुटने नहीं टेके और अपने कार्यों से इतनी सफलता पायी कि आज वो दूसरों को प्रेरणा देने योग्य बन पाये| कहानियां हमारे जीवन का निर्माण करती हैं, और किसी व्यक्ति की सफलता से जुड़ी प्रेरक कहानी आपको जीवन जीने की और सफल होने की बड़ी सीख दे सकती है। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रेरक motivational stories in hindi आप यहाँ पढ़िए। यकीन मानिये ये hindi motivational story और कहानियां आपका जीवन बदल देंगी।

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असफलता सफलता से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है | मोटिवेशनल बेस्ट स्टोरी 2023

सभी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब सभी चीज़ें आपके विरोध में हो रहीं हों और हर तरफ से निराशा मिल रही हो| चाहें आप एक प्रोग्रामर हैं या कुछ और, आप जीवन के उस मोड़ पर खड़े होता हैं जहाँ सब कुछ ग़लत हो रहा होता है| अब चाहे ये कोई सॉफ्टवेर हो सकता है जिसे सभी ने रिजेक्ट कर दिया हो, या आपका कोई फ़ैसला हो सकता है जो बहुत ही भयानक साबित हुआ हो |

Herny Ford Quotes in Hindi on Success

लेकिन सही मायने में, विफलता सफलता से ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है | हमारे इतिहास में जितने भी बिजनिसमेन, साइंटिस्ट और महापुरुष हुए हैं वो जीवन में सफल बनने से पहले लगातार कई बार फेल हुए हैं | जब हम बहुत सारे कम कर रहे हों तो ये ज़रूरी नहीं कि सब कुछ सही ही होगा| लेकिन अगर आप इस वजह से प्रयास करना छोड़ देंगे तो कभी सफल नहीं हो सकते |

हेनरी फ़ोर्ड, जो बिलियनेर और विश्वप्रसिद्ध फ़ोर्ड मोटर कंपनी के मलिक हैं | सफल बनने से पहले फ़ोर्ड पाँच अन्य बिज़निस मे फेल हुए थे | कोई और होता तो पाँच बार अलग अलग बिज़निस में फेल होने और कर्ज़ मे डूबने के कारण टूट जाता| लेकिन फ़ोर्ड ने ऐसा नहीं किया और आज एक बिलिनेअर कंपनी के मलिक हैं |

अगर विफलता की बात करें तो थॉमस अल्वा एडिसन का नाम सबसे पहले आता है| लाइट बल्व बनाने से पहले उसने लगभग 1000 विफल प्रयोग किए थे |

अल्बेर्ट आइनस्टाइन जो 4 साल की उम्र तक कुछ बोल नहीं पता था और 7 साल की उम्र तक निरक्षर था | लोग उसको दिमागी रूप से कमजोर मानते थे लेकिन अपनी थ्ओरी और सिद्धांतों के बल पर वो दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट बना |

अब ज़रा सोचो कि अगर हेनरी फ़ोर्ड पाँच बिज़नेस में फेल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता, या एडिसन 999 असफल प्रयोग के बाद उम्मीद छोड़ देता और आईन्टाइन भी खुद को दिमागी कमजोर मान के बैठ जाता तो क्या होता?

हम बहुत सारी महान प्रतिभाओं और अविष्कारों से अंजान रह जाते |

तो मित्रों, असफलता सफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है…..

असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है। किसी महापुरुष ने बात कही है कि –

“Winners never quit and quitters never win”

जीतने वाले कभी हार नहीं मानते और हार मानने वाले कभी जीत नहीं सकते

आज सभी लोग अपने भाग्य और परिस्थियों को कोसते हैं। अब जरा सोचिये अगर एडिसन भी खुद को अनलकी समझ कर प्रयास करना छोड़ देता तो दुनिया एक बहुत बड़े आविष्कार से वंचित रह जाती। आइंस्टीन भी अपने भाग्य और परिस्थियों को कोस सकता था लेकिन उसके ऐसा नहीं किया तो आप क्यों करते हैं।

अगर किसी काम में असफल हो भी गए हो तो क्या हुआ ये अंत तो नहीं है ना, फिर से कोशिश करो, क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

मित्रों असफलता तो सफलता की एक शुरुआत है, इससे घबराना नहीं चाहिये बल्कि पूरे जोश के साथ फिर से प्रयास करना चाहिये..

मन के डर से जीतना है जरुरी | Hindi Motivational Short Story

Short Motivational Story in Hindi for Success

हिरन के दौड़ने की क्षमता करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटा है, वहीं बाघ के दौड़ने की रफ्तार करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है। लेकिन फिर भी बाघ हर बार हिरण का शिकार कर लेता है।

जानते हैं क्यों?

हिरण के मन में डर होता है कि वह बाघ से जीत नहीं पायेगा और इसी डर की वजह से वह बार -बार रुक कर पीछे मुड़कर देखता है। हिरण के मन का डर उसकी रफ़्तार को कम कर देता है, और बाघ उसका शिकार कर लेता है।

मित्रों मन का डर हमेशा हमें आगे बढ़ने से रोकता है। जिस व्यक्ति के मन में हार जाने का डर है, वह कभी भी अपनी पूरी क्षमता से काम कर ही नहीं सकता। उसका मन उसको हमेशा कमजोर होने का अहसास कराता रहेगा।

आप चाहें किसी भी फिल्ड में हों और आप चाहें कोई भी कार्य कर रहे हों, आपको अपने मन को जीतना बहुत जरूरी है क्यूंकि जो व्यक्ति मन से हार जाता है वो अपार क्षमता होने के बावजूद कभी सफल नहीं हो सकता। 

जीतना है तो असफल होने के सारे रास्ते बंद कीजिये – Inspirational Hindi Success Story

Best Motivational Story in Hindi to Teach for Success

पुराने समय की एक कहानी है कि महोसर नाम का एक छोटा सा राज्य हुआ करता था। एक दिन गुप्तचरों ने राजा को सूचना दी कि पड़ोसी राज्य हम पर हमला करने वाला है।

गुप्तचरों ने बताया कि खबर एकदम पक्की है, सिर्फ तीन दिनों के भीतर पड़ोसी राज्य अपनी विशाल सेना के साथ हम पल हमला कर देगा और उनकी बड़ी सेना के आगे हमारा टिक पाना बेहद कठिन है।

राजा बेहद चिंतित हो गया, उसने तुरंत सभा बुलाई और सभी लोगों से सलाह मांगी कि अब हम लोगों का मरना तय है, अगर किसी व्यक्ति के पास कोई सुझाव है तो वह अपना सुझाव हमारे साथ साझा कर सकता है।

राजा के चतुर मंत्री ने कहा – राजन, अब जब जान पर बन ही आयी है तो इसका एकमात्र उपाय है कि हमें आज ही पड़ोसी राज्य पर हमला कर देना चाहिये।  

राजा बोला – मंत्री जी हमारी सेना बहुत छोटी है, हम उनका मुकाबला कैसे कर पाएंगे?

मंत्री बोला – राजन, पड़ोसी राज्य की अभी युद्ध की तैयारी नहीं है, अभी उनपर हमला कर दिया तो वह संभल नहीं पायेंगे और हमारे जीतने की कुछ तो उम्मीदें बनेंगी। ऐसे भी अगर हमने हमला नहीं किया तो हमारा विनाश तो तय है ही क्यूंकि कुछ दिनों में पड़ोसी राज्य हमपर कूच करने ही वाला है।  

राजा को बात जंच गयी, उसने तुरंत अपनी सेना को तैयार होने का आदेश दिया और राज्य के नागरिक भी सेना के साथ जुड़कर युद्ध करने चल दिए।  

पड़ोसी राज्य में जाने से पहले एक सेना को विशाल नदी के ऊपर बना एक पुल पार करना था। जैसे ही सेना पुल पार करके पड़ोसी राज्य में घुसी, तो राजा ने उस पुल को आग लगवा दी, और सेना को बोल दिया कि अब हमारे पास वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है। या तो हमें विजय प्राप्त करनी है या फिर यहीं मरकर प्राण त्याग देने हैं।  

सभी सैनिक अपनी पूरी क्षमता के साथ लड़े और पड़ोसी राज्य की बड़ी सेना को भी मात दे दी।  

मित्रों, जैसे राजा ने अपनी सेना की असफलता के सभी रास्ते बंद किये थे ठीक वैसे ही आपको भी अपनी असफलता के सभी रास्ते बंद करने होंगे। आपने स्वयं महसूस किया होगा कि जब इंसान के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं तभी वह सबसे ज्यादा मेहनत करता है और सफलता हासिल करता है।

अपनी सफलता के लिए खुद को झोंक दीजिये, अपनी असफलता के बारे में सोचना ही छोड़ दीजिये क्यूंकि आपके पास असफल होने का कोई ऑप्शन ही नहीं है। खुद को असफल होने का कोई ऑप्शन ही मत दो, डरो नहीं कोई भी समस्या आपकी क्षमता से बड़ी नहीं है। जुट जाइये, सफलता आपकी राह देख रही है।

कठिन परिस्थितियों को जीतना सीखो – Motivational Hindi Story on Struggle

परिस्थितियां कभी जीवन में एक जैसी नहीं रहती, जीवन में भंवर में उतार चढ़ाव तो आते ही रहते हैं| आपकी सोच बताती है कि आप कठिन परिस्थितियों का कैसे सामना करते हैं? क्या आपके अंदर वो काबिलियत है जो हर परिस्थिति से आपको बाहर निकाल दे?

एक कहानी यूँ है कि पुराने समय में एक व्यापारी ने किसी धनी साहूकार से पैसा उधार ब्याज पर लिया था लेकिन व्यापार में नुकसान हो जाने की वजह से वह साहूकार का पैसा लौटा नहीं पा रहा था|

व्यापारी की एक बेहद सुन्दर बेटी थी|

साहूकार बड़ा कुटिल था उसने सोचा कि व्यापारी पैसा तो वापस कर नहीं पा रहा है तो क्यों ना इसकी परिस्थिति का फायदा उठाया जाए| उसने व्यापारी को एक सुझाव दिया कि अगर वह अपनी बेटी की शादी उस साहूकार से कर दे तो वह व्यापारी का सारा कर्ज माफ़ कर देगा|

व्यापारी बेचारा मरता क्या ना करता| उसने अपनी बेटी को सारी बात बताई| समस्या बड़ी थी, साहूकार अधेड़ उम्र का कुरूप व्यक्ति था| अब उस बेटी के आगे 2 ही रास्ते थे –

पहला, या तो साहूकार से विवाह करने से इंकार कर दे और अपने पिता को कर्ज में दबा रहने दे
दूसरा, साहूकार से ख़ुशी से विवाह कर ले ताकि उसका पिता स्वतंत्रता से रह सके

मित्रों, अक्सर हमारे जीवन में भी ऐसे मोड़ आते हैं जब हमें यकीन होने लगता है कि अब कोई रास्ता नहीं बचा है और अब हम बुरी तरह फंस चुके हैं| अख़बारों में सुनने में आता है कि लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं, लेकिन अपने दिमाग को पानी की तरह रखिये, एकदम निर्मल, शांत और चलायमान| पानी को देखा है? पानी हर जगह से अपना रास्ता निकाल ही लेता है| ठीक वैसे ही बन जाओ|

आगे देखिये लड़की ने क्या फैसला लिया –

लड़की ने साहूकार के आगे एक शर्त रखी कि साहूकार एक थैला लाये और उसमें दो गोलियां डाले, एक सफ़ेद रंग की तथा दूसरी काले रंग की| इसके बाद लड़की उस थैले से आँख बंद करके कोई एक गोली निकालेगी|

* गोली अगर काली निकली तो लड़की साहूकार से विवाह कर लेगी और उसके पिता का कर्ज माफ़ कर दिया जायेगा

*साथ ही, अगर गोली सफ़ेद निकली तो भी पिता कर कर्ज माफ़ किया जायेगा लेकिन लड़की साहूकार से विवाह नहीं करेगी

साहूकार तुरंत बात मान गया और जल्द ही एक थैला लेकर आ गया| अब वह जब थैले में गोलियां डाल रहा था तो लड़की ने देखा कि साहूकार ने चालाकी से दोनों गोली काली ही थैली में डाल दीं हैं|

अब लड़की परेशान हो गयी कि अब वह करे तो क्या करे, साहूकार का भांडा फोड़ भी दे तो भी वह दूसरी किसी चाल में उनको जरूर फंसाएगा|

लड़की कुछ सोचकर आगे बढ़ी और उसने थैले से एक गोली निकाली| और गोली बाहर निकालते ही, उसे हाथ से छिटका दी, जिससे गोली नाली में जा गिरी|

लड़की बोली – माफ़ करना, गोली मेरे हाथ से छिटक गयी लेकिन चिंता की कोई बात नहीं, थैले में अभी दूसरी गोली भी तो होगी उसे देख लेते हैं| अगर गोली काली निकली तो मैंने सफ़ेद गोली उठायी होगी और थैले में गोली सफ़ेद निकली तो मैंने काली गोली उठाई होगी|

व्यापारी ने थैले में हाथ डाला तो देखा, काली गोली निकली|

व्यापारी बोला – अहा, बेटी थैले में काली गोली बची है इसका मतलब तुमने सफ़ेद गोली चुनी थी|

साहूकार बेचारा बोलता भी क्या? अगर बोलता तो चोरी पकड़ी जाती| इस प्रकार पिता का कर्ज भी माफ़ हो गया और बेटी ने अपनी रक्षा भी कर ली|

मित्रों, अगर हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी भी अगर सोच लेते कि हम शक्तिशाली अंग्रेजों से कभी नहीं जीत पायेंगे तो शायद हमारा यह देश कभी आजाद ही नहीं हो पाता| जब तक आप समस्याओं के समाधान के बारे में नहीं सोचेंगे तब तक आप समस्याओं में ही उलझे रहेंगे|

अपने विचारों को खुलने दें, थोड़ा हटकर सोचें, यह सोचें कि हर समस्या का हल है तो मेरी समस्या का भी कोई ना कोई हल जरूर होगा| जब आप ऐसा सोचने लगेंगे तो यकीन मानिये आपको समस्याओं के हल भी मिलना शुरू हो जायेंगे|

मेहनत बनाती है, असंभव को संभव | Motivational Story Hindi to Achieve Impossible

हर व्यक्ति के जीवन में कुछ कार्य ऐसे जरुर होते हैं जिन्हें करना हमेशा असंभव ही लगता है.. और जब कोई दूसरा व्यक्ति आकर उसी असंभव काम को संभव करके दिखा देता है तो हमें लगता है कि यार वो बहुत लकी है|
 
दरअसल, असंभव कार्य को करने के लिए जितनी कठोर मेहनत की आवश्यकता होती है, उतनी आपने कभी की ही नहीं..
 
कोई भी काम असंभव नहीं होता, बल्कि थोडा कठिन होता है| जब कोई काम इतना कठिन होता है जिसे हम आसानी से नहीं कर सकते तो बस हम उसे असंभव कहने लगते हैं, यही असंभव शब्द जब हमारे दिमाग में बैठ जाता है तो हम फिर प्रयास करना ही बंद कर देते हैं|

आपको याद होगा कि पहले वन डे क्रिकेट में 300 रन बनाना, किसी भी टीम के लिए बहुत बड़ी बात होती थी, अगर किसी टीम ने 300 रन बना लिए तो उसकी जीत निश्चित हो जाती थी क्यूंकि उस समय तक 300 रन को पछाड़ना असंभव सा प्रतीत होता था|

लेकिन समय बदला, नए लोग आये… पिच पर रन तेजी से बनने लगे और आज तो वन डे में 300 रन बनाना बहुत मामूली सी बात है, अब तो लोग 400 रन को भी पछाड़ देते हैं|
 
पहले वन डे में शतक बनाने पर बहुत तारीफें होती थीं और वन डे में दोहरा शतक लगाना तो असंभव ही था| उसके बारे में तो कोई सोचता भी नहीं था…
 
लेकिन हमारे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने लोगों के इस भ्रम को तोडा और वन डे में 200 रन बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया.. और ये कहानी यहीं नहीं रुकी, कुछ ही दिन बाद विस्फोटक बल्लेबाज सहवाग ने भी दोहरा शतक लगा दिया| इसके बाद 200 रन कई लोग अब बना चुके हैं|

तो मित्रों असंभव तो कुछ था ही नहीं.. बल्कि काम बेहद कठिन था इसलिए हम उसे असंभव मान बैठे|

कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर आपने असंभव मान लिया…
अरे कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर आपने प्रयास नहीं किया…
कोई फर्क नहीं पड़ता.. अगर आपने हिम्मत छोड़ दी

लेकिन एक बात याद रखना.. एक ना एक दिन एक ऐसा शख्स आयेगा जो इस असंभव को संभव बना कर दिखा देगा.. और ऐसा करके वो शख्स दुनिया में छा जायेगा और सिर्फ यही बोलोगे कि वो लकी है|
 
दुनिया में मेहनत करने वालों की कमी नहीं है| आप नहीं तो कोई और सही.. असंभव के चक्रव्यूह को कोई आकर चुटकियों में ढेर कर देगा|
 
तो मित्रों, असंभव शब्द को अपने मन, मष्तिष्क से निकाल दीजिये क्यूंकि यह शब्द आपको आगे बढ़ने से रोक रहा है|

इंसान की कीमत | Inspirational Story for Motivation in Hindi

एकबार एक टीचर क्लास में पढ़ा रहे थे| बच्चों को कुछ नया सिखाने के लिए टीचर ने जेब से 100 रुपये का एक नोट निकाला| अब बच्चों की तरफ वह नोट दिखाकर कहा – क्या आप लोग बता सकते हैं कि यह कितने रुपये का नोट है ?

सभी बच्चों ने कहा – “100 रुपये का”

टीचर – इस नोट को कौन कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों ने हाथ खड़ा कर दिया|

अब उस टीचर ने उस नोट को मुट्ठी में बंद करके बुरी तरह मसला जिससे वह नोट बुरी तरह कुचल सा गया| अब टीचर ने फिर से बच्चों को नोट दिखाकर कहा कि अब यह नोट कुचल सा गया है अब इसे कौन लेना चाहेगा ?

सभी बच्चों ने फिर हाथ उठा दिया।

अब उस टीचर ने उस नोट को जमीन पर फेंका और अपने जूते से बुरी तरह कुचला| फिर टीचर ने नोट उठाकर फिर से बच्चों को दिखाया और पूछा कि अब इसे कौन लेना चाहेगा ?

सभी बच्चों ने फिर से हाथ उठा दिया|

अब टीचर ने कहा कि बच्चों आज मैंने तुमको एक बहुत बड़ा पढ़ाया है| ये 100 रुपये का नोट था, जब मैंने इसे हाथ से कुचला तो ये नोट कुचल गया लेकिन इसकी कीमत 100 रुपये ही रही, इसके बाद जब मैंने इसे जूते से मसला तो ये नोट गन्दा हो गया लेकिन फिर भी इसकी कीमत 100 रुपये ही रही|

ठीक वैसे ही इंसान की जो कीमत है और इंसान की जो काबिलियत है वो हमेशा वही रहती है| आपके ऊपर चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाएँ, चाहें जितनी मुसीबतों की धूल आपके ऊपर गिरे लेकिन आपको अपनी कीमत नहीं गंवानी है| आप कल भी बेहतर थे और आज भी बेहतर हैं|

हाथी और रस्सी – Motivational Story of Elephant and Rope in Hindi

एक व्यक्ति रास्ते से गुजर रहा था कि तभी उसने देखा कि एक हाथी एक छोटे से लकड़ी के खूंटे से बंधा खड़ा था| व्यक्ति को देखकर बड़ी हैरानी हुई कि इतना विशाल हाथी एक पतली रस्सी के सहारे उस लकड़ी के खूंटे से बंधा हुआ है|

ये देखकर व्यक्ति को आश्चर्य भी हुआ और हंसी भी आयी| उस व्यक्ति ने हाथी के मालिक से कहा – अरे ये हाथी तो इतना विशाल है फिर इस पतली सी रस्सी और खूंटे से क्यों बंधा है ? ये चाहे तो एक झटके में इस रस्सी को तोड़ सकता है लेकिन ये फिर भी क्यों बंधा है ?

हाथी के मालिक ने व्यक्ति से कहा कि श्रीमान जब यह हाथी छोटा था मैंने उसी समय इसे रस्सी से बांधा था| उस समय इसने खूंटा उखाड़ने और रस्सी तोड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन यह छोटा था इसलिए नाकाम रहा| इसने हजारों कोशिश कीं लेकिन जब इससे यह रस्सी नहीं टूटी तो हाथी को यह विश्वास हो गया कि यह रस्सी बहुत मजबूत है और यह उसे कभी नहीं तोड़ पायेगा इस तरह हाथी ने रस्सी तोड़ने की कोशिश ही खत्म कर दी|

आज यह हाथी इतना विशाल हो चुका है लेकिन इसके मन में आज भी यही विश्वास बना हुआ है कि यह रस्सी को नहीं तोड़ पायेगा इसलिए यह इसे तोड़ने की कभी कोशिश ही नहीं करता| इसलिए इतना विशाल होकर भी यह हाथी एक पतली सी रस्सी से बंधा है|

दोस्तों उस हाथी की तरह ही हम इंसानों में भी कई ऐसे विश्वास बन जाते हैं जिनसे हम कभी पार नहीं पा पाते| एकबार असफल होने के बाद हम ये मान लेते हैं कि अब हम सफल नहीं हो सकते और फिर हम कभी आगे बढ़ने की कोशिश ही नहीं करते और झूठे विश्वासों में बंधकर हाथी जैसी जिंदगी गुजार देते हैं|

हर काम अपने समय पर ही होता है | Story in Hindi with Motivation

एकबार एक व्यक्ति भगवान् के दर्शन करने पर्वतों पर गया| जब पर्वत के शिखर पर पहुंचा तो उसे भगवान् के दर्शन हुए| वह व्यक्ति बड़ा खुश हुआ|

उसने भगवान से कहा – भगवान् लाखों साल आपके लिए कितने के बराबर हैं ?

भगवान ने कहा – केवल 1 मिनट के बराबर

फिर व्यक्ति ने कहा – भगवान् लाखों रुपये आपके लिए कितने के बराबर हैं ?

भगवान ने कहा – केवल 1 रुपये के बराबर

तो व्यक्ति ने कहा – तो भगवान क्या मुझे 1 रुपया दे सकते हैं ?

भगवान् मुस्कुरा के बोले – 1 मिनट रुको वत्स….हा हा

मित्रों, समय से पहले और नसीब से ज्यादा ना कभी किसी को मिला है और ना ही मिलेगा| हर काम अपने वक्त पर ही होता है| वक्त आने पर ही बीज से पौधा अंकुरित होता है, वक्त के साथ ही पेड़ बड़ा होता है, वक्त आने पर ही पेड़ पर फल लगेगा| तो दोस्तों जिंदगी में मेहनत करते रहो जब वक्त आएगा तो आपको फल जरूर मिलेगा|

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