नौकरी या बिजनेस क्या है बेहतर ? एक समोसे वाले की कहानी

January 4, 2023

नौकरी या बिजनेस क्या है बेहतर

Business aur Naukari Kya Hai Behtar

बड़े बाजार में माखनचंद की एक समोसे की दुकान थी। माखनचंद बड़े सीधे और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनका एक बेटा भी था, दुकान के एक कोने पर माखनचंद समोसे तलते रहते और दूसरे कोने पर उनका बेटा पैसे लेने देने का हिसाब करता था।

samose-ki-dukanदुकान के सामने एक बड़ी सॉफ्टवेर कंपनी थी। कंपनी में दोपहर को जब लंच का समय होता तो कंपनी के लोग अक्सर माखनचंद की दुकान पर समोसे खाने आते थे। हुआ यूँ कि एक दिन कंपनी के मैनेजर महेन्द्र बाबू समोसे खाने आये।

खाते खाते महेन्द्र बाबू को कुछ मजाक सुझा और वो माखनचंद से बोले – भाई समोसे तो आप बहुत ही बढ़िया बनाते हो और दुकान भी आपकी काफी अच्छी चलती है लेकिन तुम्हें नहीं लगता कि ये समोसे बेचकर तुम अपना कीमती वक्त खराब कर रहे हो।

अगर थोड़ा और पढ़ लेते, थोड़ी और मेहनत करते तो मेरी तरह कहीं मैनेजर होते और ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे होते। माखनचंद बेचारा सरल स्वभाव का आदमी था वो बोला – मैनेजर साहब आपके और मेरे इस काम में बहुत बड़ा फर्क है।

आगे माखनचंद बोले – आपको याद होगा आज से करीब 10 साल पहले आप इस कंपनी में एक जूनियर के पद पर आये थे। उन दिनों आपकी पगार 10 हजार रूपये महीना थी। मेरे पास तब दुकान तो थी नहीं तो मैं उन दिनों टोकरी में समोसे बेचा करता था और मेरी कमाई करीब 1 हजार रुपये महीना थी।

आज 10 साल बाद आप मैनेजर बन गए और आपकी पगार है 50 हजार। मेरी अब अपनी दुकान है और मेरी कमाई है 2 लाख प्रति माह। लेकिन चलिए पैसा ही सब कुछ नहीं होता। आपने अपने जीवन में जो मेहनत की है वो आपके बेटे के काम नहीं आएगी वो आपके मालिक के बच्चों के काम आएगी।

जब मेरा बेटा बड़ा होगा तो वो मेरी दुकान को संभालेगा और उसे कोई संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। मैंने मेहनत करके अपनी दुकान को बड़ा बनाया है और ये सब मेरे बेटे को मिलेगा वो आराम से मेरा बिजनिस आगे बढ़ाएगा।

लेकिन आप तो अपने बेटे को सीधा मैनेजर पद पर नहीं बिठा सकते। आपके बेटे तो फिर से वही जूनियर पद से मेहनत करनी पड़ेगी जो आपने की है, आपकी मेहनत का उसे ज्यादा फायदा नहीं मिल पायेगा।

झेंपे से महेन्द्र बाबू बिना कुछ बोले समोसे के पैसे देकर वापस कंपनी रवाना हो लिए।

दोस्तों इस कहानी में नौकरी और बिजनिस की एक तर्कसंगत तुलना की गयी है। हम ये नहीं कहते कि नौकरी करना बुरा है, दरअसल नौकरी भी अच्छी है और अच्छाई बुराई तो हर काम में होती है लेकिन बिजनिस नौकरी से कैसे उत्तम है ये बात इस कहानी में बताई गयी है।

ये कहानी बड़ी ही मनोरंजक है जो हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी। तो चलिए कहानी पढ़ने के बाद नीचे कमेंट बॉक्स में जाइये और अपना कीमती कमेंट हमें लिख कर भेजिए। आपके कमेंट हमें और अच्छा लिखने को उत्साहित करते हैं।

धन्यवाद!!!